sachin gupta na tum humein jano [lofi] şarkı sözleri
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
ये मौसम ये रात चुप है
वो होंठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी, है दास्तां
ये मौसम ये रात चुप है
वो होंठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी, है दास्तां
नज़र बन गई है, दिल की ज़बां
न तुम हमें जानो(आ आ आ)
न हम तुम्हें जानें(आ आ आ)
मगर लगता है कुछ ऐसा(आ आ आ)
मेरा हमदम मिल गया(आ आ आ)
मगर लगता है कुछ ऐसा

