sachin gupta sab kahan kuchh lala-o-gul [lofi] şarkı sözleri

सब कहाँ कुछ लाला-ओ-गुल में नुमायाँ हो गईं ख़ाक में क्या सूरतें होंगी कि पिन्हाँ हो गईं रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ तो मिट जाता है रंज मुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसाँ हो गईं यूँ ही अगर रोता रहा 'ग़ालिब' तो ऐ अहल-ए-जहाँ देखना इन बस्तियों को तुम कि वीराँ हो गईं हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
Sanatçı: Sachin Gupta
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 3:32
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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Fotoğrafı