sachin gupta sheeshe se [lofi] şarkı sözleri
शीशे से बनी इक लड़की
पत्थर के नगर मे आई
शीशे से बनी इक लड़की
पत्थर के नगर मे आई
वो ढूंढ रही थी मोती
और पत्थर से टकराई
शीशे से बनी इक लड़की
पत्थर के नगर मे आई
शीशे से बनी ये लड़की
इस बात से है अंजानी
शीशे से बनी ये लड़की
इस बात से है अंजानी
जब रेत चमकती है तो
लगती है दूर से पानी
ये फूल है सब काग़ज़ के
लेकिन वो समझ ना पाई
शीशे से बनी इक लड़की
पत्थर के नगर मे आई
वो ढूंढ रही थी मोती
और पत्थर से टकराई
शीशे से बनी लड़की से
कह दो की ना बाद मे रोना
शीशे से बनी लड़की से
कह दो की ना बाद मे रोना
कुछ लोग है जो पीतल के
कहते है वो खुद को सोना
ये झूठ का पुल टूटेगा
और गहरी है गम की खाई
ये झूठ का पुल टूटेगा
और गहरी है गम की खाई
शीशे से बनी इक लड़की
पत्थर के नगर मे आई
वो ढूंढ रही थी मोती
और पत्थर से टकराई

