sachin gupta uttar dakshin [chill lofi] şarkı sözleri

उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम अनजानी राहों में घुमु दिन झूमे रातें झूमे दो दिल भी झूमे मैं भी झुमु तुम जो कहो कहते रहो यह है दीवानगी उलटी सीधी दाए बाए आगे पीछे तू क्यों घुमे अरे दिन झूमे ना झूमे राते दीवानी बस तू ही झूमे यूँ नाचती यूँ झुमाती क्यों है तू घुमति उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम अनजानी राहों में घुमु दिन झूमे रातें झूमे दो दिल भी झूमे मैं भी झुमु हा भाई हा परदेसी हम और पराए नगर दीवानी तू चली है किधर अब्ब मेरी बात मानले आ छोड़ दूँ मैं घर यह रोशनी में नहाया नगर रूकती नहीं है कही भी नज़र इन् रास्तो को छोड़के जायेगा कौन घर जरा ठहरो मुझे छोडो मुझे छोडो छोडो न तू मेरी जान ऐसे कहाँ बहकी बहकी चली उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम अनजानी राहों में घुमु हा दिन झूमे रातें झूमे दो दिल भी झूमे मैं भी झुमु हा भाई हा काम ना हुयी जो तेरी मस्तिया बदनामी तेरी होगी यहाँ अरे कुछ तोह समझ से काम ले तेरे होश हैं कहा दुनिया बनती रहे दास्ताँ बदनामी का डर मुझे हैं कहा अब्ब तोह यह दिल जहा कहे जाउंगी मैं वहां जरा ठहरो ठहरो न मुझे छोडो मुझे छोडो छोडो न इतना समझ आये नासमझ यह है आवारगी उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम अनजानी राहों में घुमु दिन झूमे रातें झूमे दो दिल भी झूमे मैं भी झुमु तुम जो कहो कहते रहो यह है दीवानगी उलटी सीधी दाए बाए आगे पीछे तू क्यों घुमे
Sanatçı: Sachin Gupta
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:19
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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