sachin gupta zinda hai zindagi şarkı sözleri
ज़िंदा हैं ज़िन्दगी
ज़िंदा हैं ज़िन्दगी
कुछ तो दे जीने के लिए
ज़िंदा हैं ज़िन्दगी
कुछ तो दे जीने के लिए
करवट बदलती हैं तू
यहाँ वहाँ यहाँ वहाँ
चल पड़ते हैं ले चल
तू जहाँ जहाँ जहाँ जहाँ
करवट बदलती हैं तू
यहाँ वहाँ यहाँ वहाँ
चल पड़ते हैं ले चल
तू जहाँ जहाँ जहाँ जहाँ
आँखें हैं सुखी सुखी
दिल क्यों हैं रोने के लिए
ज़िंदा हैं ज़िन्दगी
कुछ तो दे जीने के लिए
सफ़ेद के अंदर हैं काला काला
मुह में खोला आंखों से बोलै बोलै
सफ़ेद के अंदर हैं काला काला
मुह में खोला आंखों से बोलै बोलै
सोना हैं चंडी हैं
नींदे नहीं सोने के लिए
ज़िंदा हैं ज़िन्दगी
कुछ तो दे जीने के लिए
क्यों कब जाने यह
कैसे हुआ हुअहुआ हुआ
आगे पीछे हैं सारा
धुआं धुआं धुआं धुआं
क्यों कब जाने यह
कैसे हुआ हुअहुआ हुआ
आगे पीछे हैं सब
धुआं धुआं धुआं धुआं
भटकते थे भटकते हैं
अंधेरों में रौशनी के लिए
ज़िंदा हैं ज़िन्दगी
कुछ तो दे जीने के लि

