sachin pandit dhoka şarkı sözleri
"दिल से चाहने की मुझे
सज़ा देते हो
मैं रोता हूँ और तुम
मज़ा लेते हो"
तेरी शिकायत कर दूँ
तुझको गले लगा कर
तेरी शिकायत कर दूँ
तुझको गले लगा कर
तेरी ग़लतियों को फिर से
जाऊं तुझको समझ कर
मैं जा रहा हूँ दूर
तुम आवाज़ दोगी क्या
मैं जा रहा हूँ दूर
तुम आवाज़ दोगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
जब दिल में दुआ नहीं है
नमाज़ दोगी क्या
जब दिल में दुआ नहीं है
नमाज़ दोगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
तूने जिस तरह से लूटा
आहाट भी ना होने दी
हाँ तूने जिस तरह से लूटा
आहाट भी ना होने दी
मुझे अपना नशा कराया
और आदत भी ना होने दी
मुझे अपना नशा कराया
और आदत भी ना होने दी
कितना लूटा है तुमने
तुम हिसाब दोगी क्या
कितना लूटा है तुमने
तुम हिसाब दोगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
कैसे छोड़ूँ मैं तुमको
तुम जवाब दोगी क्या
कैसे छोड़ूँ मैं तुमको
तुम जवाब दोगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
हाँ कितने खंजर पीठ पे मेरी
गिनकर तो बताओ
ध्यान से गिनना बेवफा
कहीं गिनती ना भूल जाओ
देखना है हमको
तुम मेरे दिल के अंदर आओ
चौकना मत जब अंदर
तुम अपनी तस्वीर पाओ
जला दूँ जो तस्वीर तेरी
उदास होगी क्या
जला दूँ जो तस्वीर तेरी
उदास होगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
जब दिल में दुआ नहीं है
नमाज़ दोगी क्या
जब दिल में दुआ नहीं है
नमाज़ दोगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
तेरा नाम धोखा रख दूँ
नाराज़ होगी क्या
"कहानी बुरी नहीं थी इश्क़ की मेरे
बस तेरे जैसे कुछ किरदार
धोखेबाज़ निकले"

