sadhana sargam din ke dhalte hi şarkı sözleri
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
किसने होल से च्छुन लिया मुझको
वो सदा फिर मुझे बुलाने लगी
वो सदा फिर मुझे बुलाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
ज़िंदगी ने तो गले लगाया नहीं
क्यूँ कज़ा भी मुझे सताने लगी
क्यूँ कज़ा भी मुझे सताने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
कौन है इनकी जो परवाह करे
कौन है इनकी जो परवाह करे
कौन है इनकी जो परवाह करे
कौन है इनकी जो परवाह करे
क्यूँ तमन्ना ए खुद को सज़ने लगी
क्यूँ तमन्ना ए खुद को सज़ने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्चाने लगी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
गाज़ले आदम की वो बेवफ़ाई शे भी
घूँगुना ने लगी खू गाने लगी
घूँगुना ने लगी खू गाने लगी
याद आने लगी दिल दुखाने लगी
दिन के ढलते ही रात छ्ने लगी

