sadhana sargam kab se main hoon khadi şarkı sözleri

कब से मैं हूँ खड़ी बीच धरे कब से मैं हूँ खड़ी बीच धरे डोर नदियो के दोनो किनारे कब से मैं हूँ खड़ी बीच धरे डोर नदियो के दोनो किनारे कब से मैं हूँ खड़ी बीच धरे दर्द की सीडियों से उतार के रास्ते ये मिले किस नगर के धूप सपनो के पल को जलाए पेड़ भी तो नही देते साए ऐसे में कोई किसको पुकारे डोर नदियो के दोनो किनारे कब से मैं हूँ खड़ी बीच धरे कहने वालो से मैने सुना है इक सवालो का जंगल उगा है रह तकता है कटे बिछाए मॅन वही मुझे लेकर जाए रह गये पीछे कही सांगी सहारे डोर नदियो के दोनो किनारे कब से मैं हूँ खड़ी बीच धरे डोर नदियो के दोनो किनारे कब से मैं हूँ खड़ी बीच धरे
Sanatçı: Sadhana Sargam
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 4:55
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
Sadhana Sargam hakkında bilgi girilmemiş.

Fotoğrafı