sadhana sargam sajana sajani şarkı sözleri
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं
सजनी, तेरे बिन ना कभी रहना
सजनी, तेरे बिन ना कभी रहना
सजना, तू मेरे तन का गहना, गहना
सजनी, तेरे बिन ना कभी रहना
तेरी खुशबू चुरा के मन का मधुबन खिला है
तेरी साँसों को छू के मुझको जीवन मिला है
तेरे पलकों के छाँव में मेरे सपनों का घर है
तेरे रंग में रंगी है ये जो मेरी चुनर है
जो मेरी चुनर है
कंगना प्रीत का मैंने पहना
सजनी, तेरे बिन ना कभी रहना, रहना
सजना, तू मेरे तन का गहना
सात फेरे लगा के बंध गए हम वचन से
अपना रिश्ता वही है धरती का जो गगन से
में रिझाऊँगी हर घड़ी तुझको १६ सिंगार से
रूठ जाएगी तू अगर में मना लूँगा प्यार से
में मना लूँगा प्यार से
सुन री, मानूँगा में तेरा कहना
सजना तू मेरे तन का गहना गहना
सजनी, तेरे बिन ना कभी रहना

