sai aashish peer ki chadar sai sufi poetry şarkı sözleri

पिरोदो अपने ख्वाबो को जज़्बात को लो बना धागा करो कढ़ाई मेरे भाई चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई हो उजाला आँखों में हर धड़कन बने सिलाई जज़्बात को बना के धागा करो कढ़ाई मेरे भाई चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई हमको मिला है काम शाही खोज लो दिल की गहराई ऐसी बनाओ चादर चमके पीर रहनुमाई फ़रिश्तो साथ दो मेरा करलो नेक कमाई चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई फटे पुराने कपड़ो में लाखो के दर्द छिपाए उन्ही कपड़ो मैं ही तो कितने झख्म उठाये नयी चादर को पेश करने की वो रात आज आई चादर पीर की बनाओ सुनो पेशवाई
Sanatçı: Sai Aashish
Türü: Belirtilmemiş
Ajans/Yapımcı: Belirtilmemiş
Şarkı Süresi: 1:18
Toplam: kayıtlı şarkı sözü
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Fotoğrafı