sajid hassan mujhe peene do şarkı sözleri
रात आई है, रात आने दो
नशा होता है, नशा होने दो
दिल जलता है, दिल जलने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
रात आती है, रात आने दो
नशा होता है, नशा होने दो
दिल जलता है, दिल जलने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
तेरे प्यार ने सर-ए-आम बदनाम कर दिया मुझे
शराब का ग़ुलाम कर दिया मुझे
ना जी रहा हूँ, ना मैं मर सका
ऐसा मेरा हश्र है बन गया
जो पहले मयख़ाना था, वो घर है बन गया
कि अब तो साक़ी ने भी जाम का हिसाब ना रखा
दर्द होता है, दर्द होने दो
ज़ख्म गहरा है, इसे रहने दो
आँखें रोती हैं, इन्हें रोने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
रात आती है, रात आने दो
नशा होता है, नशा होने दो
दिल जलता है, दिल जलने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
याद आई है, मुझे पीने दो
याद आई है, मुझे पीने दो

